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| {{مدخل مرتبط| موضوع مرتبط = | عنوان مدخل = | مداخل مرتبط = [[بسام بن عبدالله اسدی در تاریخ اسلامی]]| پرسش مرتبط = }} | | {{مدخل مرتبط| موضوع مرتبط = اصحاب امام باقر| عنوان مدخل = | مداخل مرتبط = [[بسام بن عبدالله اسدی در تاریخ اسلامی]]| پرسش مرتبط = }} |
| == مقدمه == | | == مقدمه == |
| بسام بن عبدالله از [[آزاد]] شدگان [[بنی هاشم]] یا [[بنی اسد]] است و از [[شیعیان]] و [[خواص]] [[اصحاب امام صادق]]{{ع}} به شمار میرود. [[ابن عقده]] نیز نام وی را در [[رجال شیعه]] ذکر کرده است. [[نجاشی]] و [[شیخ طوسی]] او را در شمار [[اصحاب امام باقر]]{{ع}} و [[امام صادق]]{{ع}} آوردهاند، [[برقی]] او را فقط در میان اصحاب [[امام باقر]]{{ع}} نام برده است. هر چند در [[رجالیون]] [[شیعه]] [[علامه مجلسی]] و [[مامقانی]] او را حَسَن و امامیِ [[غیر موثق]] دانستهاند، اما همه [[رجالیون اهل سنت]]، مانند: [[احمد بن حنبل]]، [[حاکم]]، [[ابوحاتم]]، [[یحیی بن معین]]، [[ابن نمیر]] و [[ابن حبان]] او را [[توثیق]] کردهاند، جز آنکه ابن حبان تصریح میکند او گاهی دچار [[خطا]] و [[اشتباه]] میشده است. [[ابن حجر]] نیز وی را [[صدوق]] خوانده است<ref>معجم رجال الحدیث ۲۹۸/ ۳؛ تهذیب الکمال ۵۸/ ۴ و تقریب التهذیب ۹۶/ ۱.</ref>. | | [[ابوعبدالله بسام بن عبدالله صیرفی أسدی کوفی]] از [[همپیمانان]] [[بنی هاشم]] و از [[اصحاب]] [[امام باقر]] و [[امام صادق]]{{عم}} بود<ref>رجال الطوسی ۱۱۰ و ۱۵۹ رجال ابن داوود ۶۹.</ref> و از آن بزرگواران<ref>رجال النجاشی ۱/۲۸۲ تنقیح المقال ۱/۱۶۸.</ref> و کسانی چون [[ابوطفیل]] و [[زید بن علی بن حسین]]{{ع}}<ref>خلاصة تهذیب تهذیب الکمال ۱/۴۳۴ تهذیب الکمال ۴/۵۸.</ref> روایاتی نقل کرده است. کسانی چون [[محمد بن فضیل ضبی]]،<ref>تنقیح المقال ۱/۱۶۸.</ref> [[ابان بن عثمان]]،<ref>مناقب آل ابی طالب{{ع}} ۴/۳۰۳.</ref> [[حاتم بن اسماعیل]] و [[خلاد بن یحیی]]<ref>اعیان الشیعه ۳/۵۶۵.</ref> از وی [[روایت]] کردهاند. او دارای تألیفی به نام کتاب الحدیث میباشد.<ref>رجال النجاشی ۱/۲۸۲ تنقیح المقال ۱/۱۶۸.</ref> وی از [[دوستداران]] [[اهل بیت]]{{ع}}<ref>تنقیح المقال ۱/۱۶۸.</ref> و از [[خواص]] [[اصحاب امام صادق]]{{ع}} به شمار میرفت <ref>خلاصة تهذیب تهذیب الکمال ۱/۴۳۴ تهذیب الکمال ۴/۵۸.</ref> و فردی مورد [[اعتماد]] و [[راستگو]] بود.<ref>الذریعه ۶/۳۱۵.</ref> وی در نهایت به دستور [[منصور عباسی]] کشته شد<ref> جامع الرواة ۱/۱۲۰ تنقیح المقال ۱/۱۶۸.</ref>.<ref>جمعی از پژوهشگران، [[فرهنگنامه مؤلفان اسلامی (کتاب)|فرهنگنامه مؤلفان اسلامی]] ج۱، ص۱۹۹.</ref> |
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| [[احادیث]] وی در [[جوامع روایی]] [[سنی]] و [[شیعی]] مانند: [[سنن نسائی]]، [[تهذیب]]، [[استبصار]] و [[کافی]] آمده است.
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| او از کسانی چون: امام باقر{{ع}}، امام صادق{{ع}}، [[حسن بن عمرو فقیمی]]، [[عطاء بن ابی رباح]]، [[عکرمه]]، [[زید بن علی]]{{ع}}، [[ابوطفیل عامر بن واثله لیثی]]، [[عبدالله بن یامین]]، [[عون بن ابی جحیفه]] و [[یحیی بن سام]] [[روایت]] کرده است.
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| از او کسانی چون: [[اسماعیل بن بهرام]]، [[حاتم بن اسماعیل]]، [[حسن بن عطیه بن نجیح قرشی]]، [[خلاد بن یحیی]]، [[سعید بن محمد وراق]]، [[شبابة بن سوّار]]، [[عبدالله بن مبارک]]، [[وکیع بن جراح]] و [[ابونعیم]] روایت کرده اند<ref>تهذیب الکمال ۵۸/ ۴.</ref>.
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| برخی نقل کرده اند: امام صادق{{ع}} در [[حیره]]، بر در کاخ منصور [[خلیفه]] عبّاسی بود که از به [[قتل]] رسیدن بسّام [[آگاه]] شد و [[قاتل]] او را به [[دوزخ]] [[بشارت]] داد<ref>معجم رجال الحدیث ۲۹۹/ ۳ و رجال کشی / ش ۴۴۹.</ref>.
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| از آنچه گذشت بر میآید که وی پیش از سال ۱۴۵ﻫ.ق کشته شد؛ زیرا حیره پیش از بنیان نهادن [[شهر]] [[بغداد]] در سال ۱۴۵ﻫ.ق پایتخت [[عبّاسیان]] بوده است.<ref>[[حسین عزیزی|عزیزی]]، [[پرویز رستگار|رستگار]]، [[یوسف بیات|بیات]]، [[راویان مشترک ج۲ (کتاب)|راویان مشترک]]، ج۲، ص 37.</ref>
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| # [[پرونده:IM010597.jpg|22px]] [[حسین عزیزی|عزیزی]]، [[پرویز رستگار|رستگار]]، [[یوسف بیات|بیات]]، [[راویان مشترک ج۲ (کتاب)|'''راویان مشترک ج۲''']] | | # [[پرونده: IM009687.jpg|22px]] جمعی از پژوهشگران، [[فرهنگنامه مؤلفان اسلامی ج۱ (کتاب)|'''فرهنگنامه مؤلفان اسلامی ج۱''']] |
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